मस्तिष्क की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए 3 सुपर ब्रेन योगासन

मस्तिष्क की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए 3 सुपर ब्रेन योगासन

सेहतराग टीम

कहावत है कि अगर तन और मन चंगा हो तो हर चीज अच्छी लगती है। दोनों को सेहतमंद रखने के लिए कई सहीं खान-पान और बेहतर दैनिक दिनचर्या का होना बहुत जरूरी है। जैसे तन को स्वस्थ रखने के लिए खान-पान और योग की जरूरी होता है वैसे ही दिमाग के लिए भी खान-पान और योग दोनों जरूरी हैं। आप योग, आसन और प्राणायाम के जरिए अपने दिमाग की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आप योग के जरिए दिमाग से जुड़ी कई समस्याओं से बचे रहेंगे जैसे कि ब्रेन ट्यूमर के खतरे को भी कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि दिमाग को सेहतमंद रखने के लिए कौन से योग कर सकते हैं।

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वज्रासन-

इस आसन से दिल की गति को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ को घटाकर तनाव कम करता है। इस आसन को नियमित करने से पीठ और पैर दर्द में आराम मिलता है और पाचन तंत्र बेहतर रहता है। इसके अलावा इस आसन को करने से जांघों और पिंडलियों की नसें-मांसपेशियां मजबूत होती हैं।  इसे करने के लिए फर्श पर दोनों पैर सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठें। दोनों हाथों को कुल्हे के पास ले जाकर फर्श पर टिकाएं। इस दौरान शरीर का पूरा भार हाथों पर न आए। अब पहले दायां, फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे रखें। सुनिश्चित करें कि दोनों जांघें और पैर के अंगुठे आपस में सटे हों।    

ताड़ासन-

ताड़ासन हमारे शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है। इस आसन के दौरान गहरी सांस लेने के कारण फेफड़ा फैलता है और इसकी सफाई हो जाती है। ताड़ासन करने से एक्रगता बनी रहती है। यही नहीं, इस आसन को करने से श्वास सतुंलित रहती है। आसान को करने के लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाएं। ध्यान रहे कि इस आसान को करते समय कमर और गर्दन झुकनी नहीं चाहिए। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर करें और धीरे-धीरे सांस लेते हुए शरीर को खीचें। इस आसान को आप 2-4 मिनट तक करें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

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भ्रमण प्राणायाम-

भ्रमण प्राणायाम मुख्य रूप से सांस लेने-छोड़ने से संबंधित होता है। इसे ब्रीदिंग तकनीक भी कह सकते हैं। इसे करना बहुत सरल है। इसे करने के लिए जब आप टहलते हैं, तब उस समय करें। टहलने के दौरान शरीर को सीधा रखते हुए सांस धीरे-धीरे लें। जब अच्छी तरह से गहरी सांस ले लें, तो उसके बाद सांस छोड़ दें। ध्यान रहे कि सांस लेने से ज्यादा समय आपको सांस छोड़ते समय लगाना है। सांस को 5 से 7 कदमों के बीच तक अंदर ही रोके कर रखें और फिर धीरे-धीरे सांस को छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार जरूर दोहराएं। यह प्राणायाम नकारात्मक भावनायें जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्त करता है। एकाग्रता, स्मृति और आत्म विश्वास को बढ़ाता है।

 

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